Friday, June 14, 2013

कुछ कहती हैं तस्वीरें- 15 (सरकारी दफ्तरों में हिंदी की स्थिति)

शायद राजभाषा विभाग इसे लेकर गंभीर नहीं, हो सकता है राजभाषा विभाग और सिंडिकेट बैंक इसे छोटी-मोटी गलतियों के श्रेणी में रखता हो?
 यह तस्वीर बिहार राज्य के सीतामढ़ी जिले में स्थित सिंडिकेट बैंक के कमलदह शाखा में लगे एक बोर्ड की है. सूचना पढ़ कर आप भी इसकी भाषागत त्रुटियों से रु-ब-रु हो लीजिए. इसमें मात्रात्मक गलतियों के साथ-साथ वाक्य संरचना में भी त्रुटि है. जिसे तस्वीर में लाल घेरे में घेर दिया गया है. अगर यह गलती किसी गैर हिंदी भाषी क्षेत्र में स्थित किसी बैंक के शाखा द्वारा किया गया होता तो उसे नजरअंदाज किया भी जा सकता था, परंतु हिंदी भाषी क्षेत्र में इस तरह की गलतियां इस बात को बताने के लिए पर्याप्त हैं कि हिंदी को लेकर न तो हमारी सरकार गंभीर है, न ही भारत सरकार का राजभाषा विभाग. भले ही सरकार हिंदी के नाम पर करोड़ों-अरबों खर्च करती रहे.
अन्यथा राजभाषा विभाग को इन गलतियों के लिए सक्षम और जिम्मेदार अधिकारीयों के खिलाफ समुचित कदम क्यों नहीं उठाना चाहिए?

1 comment:

Shikha Kaushik said...

सार्थक अभिव्यक्ति .आभार
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