Wednesday, May 1, 2013

कुछ कहती हैं तस्वीरें –14 (नदी या नाला)


यह है बिहार के सीतामढ़ी शहर से गुजरने वाली लखनदेई नदी की कुछ तस्वीरें. तस्वीर देखकर कुछ लोग शायद इसे नाला मानने से भी इनकार कर दें. दिन-ब-दिन नदी की चौड़ाई और गहराई दोनों ही खत्म होती जा रही है. इसकी वजह है अन्य शहरों की तरह इस शहर की पूरी गंदगी और कचड़े भी इसी में बहाए जाते हैं. डर इस बात का है कि कहीं आने वाले समय में इस नदी का अस्तित्व ही खत्म न हो जाए. बावजूद इसके छठ पूजा के समय घाट की होने वाली साफ सफाई को अगर छोड़ दिया जाए तो इसकी फिक्र न तो सरकारी महकमें को है और न ही हमारे राजनेताओं को. सरकारी महकमें में इतने काम हैं कि वहां किसी के पास इतना वक्त कहां कि वहां बैठे लोग इन छोटी-छोटी बातों के बारे में सोचें और राजनेताओं के बारे में तो जगजाहिर है कि उन्हें सिर्फ वोट कि राजनीति से मतलब है. बाकी की कहानी तो तस्वीरें ही कह रही हैं....



2 comments:

RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI' said...

पंजाब के संत सींचेवाल की तरह बिहार में भी एक संत चाहिए. केवल तंत्र को कोसने से कुछ नहीं होगा.

दिगम्बर नासवा said...

लोगों को जागरूक होना पडेगा ... सरकार से जबरदस्ती काम करवाना होगा ... तभी हालात सुधरेंगे ...