Friday, March 6, 2009

लालू की ट्रेन उनके अपने ही राज्य में


लालूजी अपने हर भाषण में खुद को गरीबों का मसिहा बताते हुए कहते हैं कि 'उन्होंने अपने पुरे कार्यकाल में न ही रेल किराया बढाकर आम लोगों पर अतिरिक्त बोझ डाला है और न ही घाटे का रेल बज़ट पेश किया़'.पर क्या रेलमंत्री लोगों को इस हद तक बेवकूफ समझते हैं कि आम जनता उनकी बातों का सही आकलन भी नहीं कर सकती?
उन्होंने लाभ का बज़ट पेश ज़रुर किया है पर भाड़े को पिछले दरबाजे से बढाकर.आज स्थिति यह है कि ट्रेनों की संख्या बढाने के बजाए,जेनरल कोटे के सीट घटाकर तत्काल कोटे की सीट संख्या बढा दी गई है.ट्रेनों को सुपरफास्ट कर भाड़ा तो अधिक वसूला जा रहा है पर आज भी वे ट्रेनें सफ़र तय करने में उतना ही समय ले रही है जितना पहले लेती थी.ट्रेनों में भीड़ का अंदाजा उनके अपने ही राज्य के इन ट्रेन की तस्विरों को देखकर लगाया जा सकता है जो बिहार के सीतामढी जिले में ली गई है.

2 comments:

Anshu Mali Rastogi said...

वाह कहां जाकर पकड़ा है।

Anonymous said...

Rly feel very happy to know that you are knowing that something wrong is happening whether in your state or in other state.Wish u all the best