Sunday, September 2, 2012

हमारे स्वच्छ छवि वाले प्रधानमंत्रीजी

इसे कुछ शब्द कहूँ, उपमा कहूँ , उपाधि कहूँ या फिर हमारे मीडिया के द्वारा दिया गया सर्टिफिकेट ही मान लूँ- “स्वच्छ छवि वाले प्रधानमंत्री”? ये वे शब्द हैं जो लगातार मीडिया में हेडलाइंस और कंटेंट के हिस्से के रूप में दिखाई पड़ता रहता है. मुझे यह समझ नहीं आता कि “स्वच्छ छवि वाले प्रधानमंत्री” का अर्थ क्या लगाया जाए? भले ही इस शब्द के शब्दार्थ कुछ भी हों, कहीं ऐसा तो नहीं कि इस जुमले को मीडिया द्वारा व्ययंग के रूप में इस्तेमाल किया जाता है? ठीक है हमारे प्रधानमंत्रीजी बहुत धीर-गंभीर रहने वाले व्यक्ति हैं तथा शब्दों को बहुत नाप-तौल कर बोलते हैं. परन्तु धीर-गंभीर रहना या कम बोलना भ्रष्टाचार से मुक्त होने का प्रमाण तो नहीं हो सकता? जहाँ तक मैं सोच पा रहा हूँ कि जिस प्रकार किसी को अपराधी या भ्रष्टाचारी करार देना हमारी माननीय न्यायपालिका के अधिकार क्षेत्र में आता है , ठीक उसी प्रकार किसी को अपराध या भ्रष्टाचार से बरी करने का अधिकार भी हमारी माननीय न्यायपालिका के पास ही होना चाहिए. फिर हमारी मीडिया जबरदस्ती का पब्लिक रिलेशन की जिम्मेदारी अपने सर लिए क्यों ढोती रहती है? जबकि हम सभी को पता है कि किसी भी हारी हुई सेना का सेनापति जीता हुआ नहीं हो सकता. यह तो सुन कर ही अटपटा लगता है कि किसी हारी हुई सेना का सेनापति खुद को विजयी महसूस करे. इसका सामान्य सा मतलब तो यही होना चाहिए कि सेनापति के मन में पहले से ही खोट था?

हम इसे ऐसे भी सोच सकते हैं कि अगर मैं किसी घर का मुखिया हूँ तो मैं अपने घर के चोर सदस्यों के कारनामों से सिर्फ इस आधार पर पल्ला झाड़ता रहूँ कि मैं ईमानदार हूँ. ठीक है कि मैं ईमानदार हूँ लेकिन अगर मेरे घर के कुछ सदस्य चोर हैं तो क्या नैतिक आधार पर घर के सदस्यों द्वारा की गई चोरियों की जिम्मेदारी मुझे नहीं लेनी चाहिए? वह भी तब जब ए. राजा और सुरेश कलमाडी के बाद कोयला घोटाला को लेकर खुद प्रधानमंत्री पर सवाल उठ रहे हैं. लेकिन फिर हम उसी दरवाजे पर आकर ठिठक जाते हैं कि वर्तमान राजनितिक दौर में नैतिकता नाम की कोई चीज बची है क्या? इस सवाल के घेरे में सिर्फ कांग्रेस ही नहीं बल्कि हमारे देश की सभी राजनैतिक पार्टियां हैं. यह दीगर बात है की इस सवाल के जवाब की उम्मीद हमें किसी भी पार्टी से नहीं करनी चाहिए.

फिर बात वहीं आकर अटक जाती है कि “स्वच्छ छवि वाले प्रधानमंत्रीजी” का मतलब क्या है भाई?

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