Sunday, June 19, 2011

कुछ कहती है तस्वीरें – 7

यह तस्वीर सेवाग्राम(वर्धा) स्थित बापू कुटी के बाहर की है। बापू कुटी के बाहर सड़क किनारे स्थित इस कूड़ेदान पर लिखे शब्दों को देखकर वह पुरानी कहावत याद आ जाती है जिसमें कहा जाता है कि नुक्ता के हेर-फेर से खुदा जुदा हो जाता है। क्या हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी से जुड़े इस आश्रम के नाम के साथ कुछ भी लिखने से पहले यह ध्यान नहीं रखा जाना चाहिए था, जिससे अर्थ का अनर्थ होने से बचा जा सकता?

अब कूड़ेदान पर लिखे शब्दों को ठीक से देखिए और फिर बताइए इसे क्या माना जाए- सेवाग्राम आश्रम का कचरा पेटी या सेवाग्राम आश्रम ही कचरा पेटी या फिर कुछ और?