Thursday, April 7, 2011

सवाल सिर्फ अन्ना हजारे के अनशन का ही नहीं है..


अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए आमरण अनशन को समर्पित

अन्ना हजारे द्वारा शुरू किए गए आमरण अनशन के बाद हर कोई अन्ना हजारे-अन्ना हजारे किए हुए है. हम सभी इसके पक्ष में दो शब्द लिखकर खुद को प्रगतिशील साबित करने में लगे हुए हैं. पर इससे पहले हमें खुद से एक इमानदार सवाल करना चाहिए कि राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन हम कितना कर रहे हैं या फिर एक खोखले बतंगरो की जमात का हिस्सा हैं जिनका रिव्योलुशन(क्रांतिकारिता) एसी कमरों से शुरू होकर, हवाई यात्रायें करते हुए बोतल बंद पानी और शीतल पेय पदार्थों के रूप में बह जाते हैं या ब्रांडेड सिगरेट के कश से निकले धुएं में उड़ जाते हैं. इस सबके बावजूद इस 'खोखले बतंगरो की जमात' को दाद तो देनी होगी! क्योंकि एसी कमरों में रहने, हवाई यात्रायें करने, बोतल बंद पानी और शीतल पेय पदार्थों का प्रयोग करने, ब्रांडेड सिगरेट का कश लेकर धुआं उड़ाने के बावजूद जब भी इनकी जबान खुलती है या इनका कलम चलता है, इनकी जबान और कलम दोनों से सिर्फ आदिवासी, गरीब, आत्महत्या करने वाले किसान और समाज का सबसे वंचित तबका ही निकलता है. चलो शुक्र है एसी कमरों में समय गुजारने से लेकर ब्रांडेड सिगरेट का कश लेकर धुआं उड़ाने तक इन्हें यह सब याद तो रहता है.

2 comments:

ra said...

vah beta wah bahut khoob
Go ahead

dhanesh joshi said...

bhai vivek yah khusi ki bat hai ki aaj anna ji ko vyapak jan samrthan mila aur sarkar ko ghukna pada par aana ji jis samay aamran anshan par the usi samay ek ghatna keral me dalit ke sath ghatti hai wah kisi bhi manav samuday ke liye sharmnak hai ki primry school ke teacher ke sewanirviti par swarn teacher ke dwara pure school me gangan jal ka chhidkav kiya jata hai es par pura desh maun hai kyo? yah sawal dalt se thya ya es khabar se media ko trp mil nahi pati ya gulam mansikta ko aaj bhi bharat me log jinda rakhna chahte hai