यह तस्वीर
इस बात का सबूत है कि IRCTC अपने
उपभोक्ताओं के प्रति कितनी जिम्मेदार है या फिर कितना लेट लतीफ. वैसे तो इस तस्वीर
में सम्पूर्ण विवरण उपलब्ध है, फिर भी शब्दों में भी इसकी पूरी कहानी बताता हूँ-
मित्रों मै एक TDR फाइल किया था, जिसे 10
माह से अधिक बीत चुके हैं. अब तक उसका Refund under process ही बता रहा है. इस संदर्भ में मैं IRCTC को 30
मार्च को एक मेल भी किया था. जिसका IRCTC के
तरफ से 5 अप्रैल को मुझे यह जवाब आया-
Dear Customer, Sorry for the inconvenience. Kindly note that
your refund case of PNR No.4141915910 has been forwarded to CCM/ECR Railway on
12-Jun-2012 As refund is yet to be received from concerned railway, we have
sent a reminder on 5-April-2013 with all the papers pertaining to your refund
case to concerned railway. As soon as refund, if any, received it will be
credited to your card account. With regards, TDR TEAM
इस मेल को
आए भी तीन सप्ताह बीत चुके हैं, परंतु परिणाम अभी भी वही है- ढाक के तीन पात. अब
सवाल यह है कि इसके लिए जिम्मेदार कौन है- IRCTC या फिर भारतीय रेलवे? या फिर यह दोनों
की मिली भगत है. क्योंकि पुरे देश में ऐसे पीड़ित लोगों की संख्या बहुतायत हो सकती
है जिनके रुपयों को इस तरह रोक कर IRCTC या फिर भारतीय रेलवे इन रुपयों का इस्तेमाल दूसरे मदों में कर सकते हैं.
भले ही उपभोक्ता परेशान हो रहा हो तो होता रहे. न जाने कब अपने भी देश में सारे
सिस्टम आम जनता की सहूलियत को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा?
1 comment:
110% right that irctc never refunds the amount
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