भले ही
हमारे राज नेता और राजनीतिक पार्टियां फेसबुक के माध्यम से आम लोगों तक पहुँचने की
कोशिश करते रहें, परंतु निचे लगी तस्वीर
को अगर गौर से देखा जाए तो स्पष्ट रूप से यह समझा जा सकता है कि फेसबुक अभी भी
मात्र सिमित और खास वर्ग तक पहुँच का जरिया ही बन सकता है. वजह साफ है कि भले ही नितीश
कुमार अभी बिहार के मुख्यमंत्री हों, पर उनके इस फेसबुक पेज
को लाइक करने वालों की संख्या मात्र 41114 (पोस्ट लिखे जाने
तक) है, जिस संख्या बल की बदौलत किसी राज्य का मुख्यमंत्री बनना
तो दूर, कोई एक विधानसभा में भी निश्चित जीत का दावा नहीं कर कर सकता.
एक बड़ा
सवाल तो यह भी है कि फेसबुक का प्रयोग करने वाले कितने लोग वोट डालने जाते हैं?
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